A Simple Key For Shodashi Unveiled

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You will find many great things about chanting the Shodashi Mantra, out of which A very powerful ones are outlined beneath:

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।

During the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered as a pivotal deity in guiding devotees in direction of Moksha, the last word liberation within the cycle of start and Demise.

चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥

She would be the in the form of Tri electricity of evolution, grooming and destruction. Total universe is changing below her power and destroys in cataclysm and yet again get rebirth (Shodashi website Mahavidya). By accomplishment of her I obtained this area and that's why adoration of her is the best 1.

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी पञ्चरत्न स्तोत्रं ॥

हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

The worship of Tripura Sundari is usually a journey in direction of self-realization, exactly where her divine beauty serves being a beacon, guiding devotees to the ultimate real truth.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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